Sunday, October 2, 2011
Wednesday, August 10, 2011
तुम्हारी जेब में पैसा-ही-पैसा
साईं बाबा अपने शिष्य के साथ बैठे आध्यात्मिक विषय पर बातें कर रहे थे कि तभी एक बूढ़ा व्यक्ति रोता-पीटता आया और हाथ जोड़कर साईं बाबा के सामने आकर जोर-जोर से रोने लगा|
"क्या हो गया बाबा ?" - एक शिष्य ने उस बूढ़े से पूछा|
"मेरा जवान लड़का मर गया| मेरे पास उसे कफन-दफन करने के लिए एक पैसा भी नहीं|" वह निरंतर आँसू बहाये जा रहा था|
साईं बाबा ने उसकी ओर देखा और पूछा -
"कब मरा लड़का ?"
"आज दोपहर| मैं कई जगह गया, पर किसी ने मेरी कोई मदद नहीं की|"
"जब तुम्हारे पास स्वयं ही इतने सारे रुपये हैं, तो कोई तुम्हारी मदद क्यों करता|" यह कहकर साईं बाबा हँसने लगे|
"साईं बाबा !" बूढ़ा गिड़गिड़ाकर बोला - "मेरे पास तो इस समय एक फूटी कौड़ी भी नहीं है|"
"झूठ बोलते हो|" साईं बाबा ने कहा - "अपनी जेब में हाथ डालो| वहां पैसा-ही-पैसा भरा पड़ा है|"
जब उस बूढ़े ने जेब में हाथ डाला, अचानक ढेरसारे नोट निकल आये| वह हैरानी से देखता रह गया| आश्चर्य के मारे आँखें फटी-सी रह गयीं|
"जाओ, अपना काम करो|" साईं बाबा ने कहा|
वह बूढ़ा साईं बाबा की जय-जयकार करता वहां से चला गया| सारे शिष्य हैरानी के साथ सारा दृश्य देखते रह गये| उस बूढ़े की फटी हुई जेब से रुपया-ही-रुपया निकलना बहुत ही आश्चर्य की बात थी| सबने इसे साईं बाबा का एक चमत्कार माना और बाबा कि जय-जयकार करने लगे| साईं बाबा का यह चमत्कार अद्भुत था|
साईं बाबा अपने शिष्य के साथ बैठे आध्यात्मिक विषय पर बातें कर रहे थे कि तभी एक बूढ़ा व्यक्ति रोता-पीटता आया और हाथ जोड़कर साईं बाबा के सामने आकर जोर-जोर से रोने लगा|"क्या हो गया बाबा ?" - एक शिष्य ने उस बूढ़े से पूछा|
"मेरा जवान लड़का मर गया| मेरे पास उसे कफन-दफन करने के लिए एक पैसा भी नहीं|" वह निरंतर आँसू बहाये जा रहा था|
साईं बाबा ने उसकी ओर देखा और पूछा -
"कब मरा लड़का ?"
"आज दोपहर| मैं कई जगह गया, पर किसी ने मेरी कोई मदद नहीं की|"
"जब तुम्हारे पास स्वयं ही इतने सारे रुपये हैं, तो कोई तुम्हारी मदद क्यों करता|" यह कहकर साईं बाबा हँसने लगे|
"साईं बाबा !" बूढ़ा गिड़गिड़ाकर बोला - "मेरे पास तो इस समय एक फूटी कौड़ी भी नहीं है|"
"झूठ बोलते हो|" साईं बाबा ने कहा - "अपनी जेब में हाथ डालो| वहां पैसा-ही-पैसा भरा पड़ा है|"
जब उस बूढ़े ने जेब में हाथ डाला, अचानक ढेरसारे नोट निकल आये| वह हैरानी से देखता रह गया| आश्चर्य के मारे आँखें फटी-सी रह गयीं|
"जाओ, अपना काम करो|" साईं बाबा ने कहा|
वह बूढ़ा साईं बाबा की जय-जयकार करता वहां से चला गया| सारे शिष्य हैरानी के साथ सारा दृश्य देखते रह गये| उस बूढ़े की फटी हुई जेब से रुपया-ही-रुपया निकलना बहुत ही आश्चर्य की बात थी| सबने इसे साईं बाबा का एक चमत्कार माना और बाबा कि जय-जयकार करने लगे| साईं बाबा का यह चमत्कार अद्भुत था|
Tuesday, August 9, 2011
श्री शनि चालीसा
जयति जयति शनिदेव दयाला । करत सदा भक्तन प्रतिपाला ॥
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै । माथे रतन मुकुट छवि छाजै ॥
परम विशाल मनोहर भाला । टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला ॥
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके । हिये माल मुक्तन मणि दमके ॥
कर में गदा त्रिशूल कुठारा । पल बिच करैं आरिहिं संहारा ॥
पिंगल, कृष्णों, छाया, नन्दन । यम, कोणस्थ, रौद्र, दुख भंजन ॥
सौरी, मन्द, शनि, दश नामा । भानु पुत्र पूजहिं सब कामा ॥
जा पर प्रभु प्रसन्न है जाहीं । रंकहुं राव करैंक्षण माहीं ॥
पर्वतहू तृण होई निहारत । तृण हू को पर्वत करि डारत ॥
राज मिलत बन रामहिं दीन्हो । कैकेइहुं की मति हरि लीन्हों ॥
बनहूं में मृग कपट दिखाई । मातु जानकी गई चतुराई ॥
लखनहिं शक्ति विकल करि डारा । मचिगा दल में हाहाकारा ॥
रावण की गति-मति बौराई । रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई ॥
दियो कीट करि कंचन लंका । बजि बजरंग बीर की डंका ॥
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा । चित्र मयूर निगलि गै हारा ॥
हार नौलाखा लाग्यो चोरी । हाथ पैर डरवायो तोरी ॥
भारी दशा निकृष्ट दिखायो । तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो ॥
विनय राग दीपक महं कीन्हों । तब प्रसन्न प्रभु है सुख दीन्हों ॥
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी । आपहुं भरे डोम घर पानी ॥
तैसे नल परदशा सिरानी । भूंजी-मीन कूद गई पानी ॥
श्री शंकरहि गहयो जब जाई । पार्वती को सती कराई ॥
तनिक विलोकत ही करि रीसा । नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा ॥
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी । बची द्रौपदी होति उघारी ॥
कौरव के भी गति मति मारयो । युद्घ महाभारत करि डारयो ॥
रवि कहं मुख महं धरि तत्काला । लेकर कूदि परयो पाताला ॥
शेष देव-लखि विनती लाई । रवि को मुख ते दियो छुड़ई ॥
वाहन प्रभु के सात सुजाना । जग दिग्ज गर्दभ मृग स्वाना ॥
जम्बुक सिंह आदि नखधारी । सो फल जज्योतिष कहत पुकारी ॥
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं । हय ते सुख सम्पत्ति उपजावैं ॥
गर्दभ हानि करै बहु काजा । गर्दभ सिद्घ कर राज समाजा ॥
जम्बुक बुद्घि नष्ट कर डारै । मृग दे कष्ट प्रण संहारै ॥
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी । चोरी आदि होय डर भारी ॥
तैसहि चारि चरण यह नामा । स्वर्ण लौह चांजी अरु तामा ॥
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं । धन जन सम्पत्ति नष्ट करावै ॥
समता ताम्र रजत शुभकारी । स्वर्ण सर्व सुख मंगल कारी ॥
जो यह शनि चरित्र नित गावै । कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै ॥
अदभुत नाथ दिखावैं लीला । करैं शत्रु के नशि बलि ढीला ॥
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई । विधिवत शनि ग्रह शांति कराई ॥
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत । दीप दान दै बहु सुख पावत ॥
कहत रामसुन्दर प्रभु दासा । शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा ॥
॥ दोहा ॥
|| इति श्री शनि चालीसा समाप्त ||
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै । माथे रतन मुकुट छवि छाजै ॥
परम विशाल मनोहर भाला । टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला ॥
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके । हिये माल मुक्तन मणि दमके ॥
कर में गदा त्रिशूल कुठारा । पल बिच करैं आरिहिं संहारा ॥
पिंगल, कृष्णों, छाया, नन्दन । यम, कोणस्थ, रौद्र, दुख भंजन ॥
सौरी, मन्द, शनि, दश नामा । भानु पुत्र पूजहिं सब कामा ॥
जा पर प्रभु प्रसन्न है जाहीं । रंकहुं राव करैंक्षण माहीं ॥
पर्वतहू तृण होई निहारत । तृण हू को पर्वत करि डारत ॥
राज मिलत बन रामहिं दीन्हो । कैकेइहुं की मति हरि लीन्हों ॥
बनहूं में मृग कपट दिखाई । मातु जानकी गई चतुराई ॥
लखनहिं शक्ति विकल करि डारा । मचिगा दल में हाहाकारा ॥
रावण की गति-मति बौराई । रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई ॥
दियो कीट करि कंचन लंका । बजि बजरंग बीर की डंका ॥
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा । चित्र मयूर निगलि गै हारा ॥
हार नौलाखा लाग्यो चोरी । हाथ पैर डरवायो तोरी ॥
भारी दशा निकृष्ट दिखायो । तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो ॥
विनय राग दीपक महं कीन्हों । तब प्रसन्न प्रभु है सुख दीन्हों ॥
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी । आपहुं भरे डोम घर पानी ॥
तैसे नल परदशा सिरानी । भूंजी-मीन कूद गई पानी ॥
श्री शंकरहि गहयो जब जाई । पार्वती को सती कराई ॥
तनिक विलोकत ही करि रीसा । नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा ॥
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी । बची द्रौपदी होति उघारी ॥
कौरव के भी गति मति मारयो । युद्घ महाभारत करि डारयो ॥
रवि कहं मुख महं धरि तत्काला । लेकर कूदि परयो पाताला ॥
शेष देव-लखि विनती लाई । रवि को मुख ते दियो छुड़ई ॥
वाहन प्रभु के सात सुजाना । जग दिग्ज गर्दभ मृग स्वाना ॥
जम्बुक सिंह आदि नखधारी । सो फल जज्योतिष कहत पुकारी ॥
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं । हय ते सुख सम्पत्ति उपजावैं ॥
गर्दभ हानि करै बहु काजा । गर्दभ सिद्घ कर राज समाजा ॥
जम्बुक बुद्घि नष्ट कर डारै । मृग दे कष्ट प्रण संहारै ॥
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी । चोरी आदि होय डर भारी ॥
तैसहि चारि चरण यह नामा । स्वर्ण लौह चांजी अरु तामा ॥
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं । धन जन सम्पत्ति नष्ट करावै ॥
समता ताम्र रजत शुभकारी । स्वर्ण सर्व सुख मंगल कारी ॥
जो यह शनि चरित्र नित गावै । कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै ॥
अदभुत नाथ दिखावैं लीला । करैं शत्रु के नशि बलि ढीला ॥
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई । विधिवत शनि ग्रह शांति कराई ॥
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत । दीप दान दै बहु सुख पावत ॥
कहत रामसुन्दर प्रभु दासा । शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा ॥
॥ दोहा ॥
पाठ शनिश्चर देव को, की हों विमल तैयार । करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार ॥
|| इति श्री शनि चालीसा समाप्त ||
आरती बजरंगबली की
आरती बजरंगबली की
आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ।।
जाके बल से गिरिवर कांपै । रोग-दोष जाके निकट न झांपै ।।
अंजनि पुत्र महा बलदाई । संतन के प्रभु सदा सहाई ।।
दे बीरा रघुनाथ पठाए । लंका जारि सिया सुधि लाये ।।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई । जात पवनसुत बार न लाई ।।
लंका जारि असुर सब मारे । सियाराम जी के काज संवारे ।।
लक्ष्मण मूर्च्छित पड़े सकारे । लाय संजीवन प्राण उबारे ।।
पैठि पताल तोरि जमकारे । अहिरावण की भुजा उखारे ।।
बाईं भुजा असुर संहारे । दाईं भुजा संत जन तारे ।।
सुर नर मुनि आरती उतारें । जय जय जय हनुमान उचारें ।।
कंचन थार कपूर लौ छाई । आरति करत अंजना माई ।।
जो हनुमान जी की आरती गावे । बसि बैकुण्ठ परमपद पावे ।।
लंक विध्वंस किए रघुराई । तुलसिदास प्रभु कीरति गाई ।।
अथ बजरंग बाण
अथ बजरंग बाण
।। दोहा ।।
निश्चय प्रेम प्रतीत ते, विनय करें सनमान ।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्घ करैं हनुमान ।।
जय हनुमन्त सन्त हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।।
जन के काज विलम्ब न कीजै । आतुर दौरि महा सुख दीजै ।।
जैसे कूदि सुन्धु वहि पारा । सुरसा बद पैठि विस्तारा ।।
आगे जाई लंकिनी रोका । मारेहु लात गई सुर लोका ।।
जाय विभीषण को सुख दीन्हा । सीता निरखि परम पद लीन्हा ।।
बाग उजारी सिन्धु महं बोरा । अति आतुर जमकातर तोरा ।।
अक्षय कुमार मारि संहारा । लूम लपेट लंक को जारा ।।
लाह समान लंक जरि गई । जय जय धुनि सुरपुर मे भई ।।
अब विलम्ब केहि कारण स्वामी । कृपा करहु उन अन्तर्यामी ।।
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता । आतुर होय दुख हरहु निपाता ।।
जै गिरिधर जै जै सुखसागर । सुर समूह समरथ भटनागर ।।
जय हनु हनु हनुमंत हठीले । बैरिहि मारु बज्र की कीले ।।
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो । महाराज प्रभु दास उबारो ।।
ऊँ कार हुंकार महाप्रभु धावो । बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ।।
ऊँ हीं हीं हनुमन्त कपीसा । ऊँ हुं हुं हनु अरि उर शीशा ।।
सत्य होहु हरि शपथ पाय के । रामदूत धरु मारु जाय के ।।
जय जय जय हनुमन्त अगाधा । दुःख पावत जन केहि अपराधा ।।
पूजा जप तप नेम अचारा । नहिं जानत हौं दास तुम्हारा ।।
वन उपवन, मग गिरि गृह माहीं । तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ।।
पांय परों कर जोरि मनावौं । यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।।
जय अंजनि कुमार बलवन्ता । शंकर सुवन वीर हनुमन्ता ।।
बदन कराल काल कुल घालक । राम सहाय सदा प्रति पालक ।।
भूत प्रेत पिशाच निशाचर । अग्नि बेताल काल मारी मर ।।
इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की । राखु नाथ मरजाद नाम की ।।
जनकसुता हरि दास कहावौ । ताकी शपथ विलम्ब न लावो ।।
जय जय जय धुनि होत अकाशा । सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा ।।
चरण शरण कर जोरि मनावौ । यहि अवसर अब केहि गौहरावौं ।।
उठु उठु उठु चलु राम दुहाई । पांय परों कर जोरि मनाई ।।
ऊं चं चं चं चपल चलंता । ऊँ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता ।।
ऊँ हं हं हांक देत कपि चंचल । ऊँ सं सं सहमि पराने खल दल ।।
अपने जन को तुरत उबारो । सुमिरत होय आनन्द हमारो ।।
यह बजरंग बाण जेहि मारै । ताहि कहो फिर कौन उबारै ।।
पाठ करै बजरंग बाण की । हनुमत रक्षा करैं प्राम की ।।
यह बजरंग बाण जो जापै । ताते भूत प्रेत सब कांपै ।।
धूप देय अरु जपै हमेशा । ताके तन नहिं रहै कलेशा ।।
।। दोहा ।।
प्रेम प्रतीतहि कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान ।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्घ करैं हनुमान ।।
संकटमोचन हनुमानाष्टक
संकटमोचन हनुमानाष्टक
।। मत्तगयन्द छन्द ।।
बाल समय रवि भक्ष लियो तब, तीनहुं लोक भयो अँधियारो ।
ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो ।।
देवन आनि करी विनती तब, छांड़ि दियो रवि कष्ट निहारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ।। 1 ।।
बालि की त्रास कपीस बसै गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो ।।
चौंकि महामुनि शाप दियो तब, चाहिये कौन विचार विचारो ।
कै द्घिज रुप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के शोक निवारो ।। 2 ।।
अंगद के संग लेन गए सिय, खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत न बचिहों हम सों जु, बिना सुधि लाए इहां पगु धारो ।
हेरि थके तट सिंधु सबै तब, लाय सिया सुधि प्राण उबारो ।। 3 ।।
रावण त्रास दई सिय को तब, राक्षसि सों कहि सोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाय महा रजनीचर मारो ।
चाहत सीय अशोक सों आगि सु, दे प्रभु मुद्रिका सोक निवारो ।। 4 ।।
बाण लग्यो उर लक्ष्मण के तब, प्राण तजे सुत रावण मारो ।
लै गृह वैघ सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सु-बीर उपारो ।
आनि संजीवनी हाथ दई तब, लक्ष्मण के तुम प्राण उबारो ।। 5 ।।
रावण युद्घ अजान कियो तब, नाग की फांस सबै सिरडारो ।
श्री रघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयो यह संकट भारो ।
आनि खगेस तबै हनुमान जु, बन्धन काटि सुत्रास निवारो ।। 6 ।।
बन्धु समेत जबै अहिरावण, लै रघुनाथ पाताल सिधारो ।
देवहिं पूजि भली विधि सों बलि, देउ सबै मिलि मंत्र विचारो ।
जाय सहाय भयो तबही, अहिरावण सैन्य समैत संहारो ।। 7 ।।
काज किये बड़ देवन के तुम, वीर महाप्रभु देखि विचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसो नहिं जात है टारो ।
बेगि हरौ हनुमान महाप्रभु, जो कछु संकट होय हमारो ।। 8 ।।
।। दोहा ।।
लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर ।
बज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर ।।
श्री हनुमान चालीसा
श्री हनुमान चालीसा
श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि ।
बरनउं रघुबर विमल जसु, जो दायकु पल चारि ।।
बुद्घिहीन तनु जानिकै, सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुद्घि विघा देहु मोहि, हरहु कलेश विकार ।।
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर । जय कपीस तिहुं लोग उजागर ।।
रामदूत अतुलित बल धामा । अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ।।
महावीर विक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ।।
कंचन बरन विराज सुवेसा । कानन कुण्डल कुंचित केसा ।।
हाथ वज्र औ ध्वजा विराजै । कांधे मूंज जनेऊ साजै ।।
शंकर सुवन केसरी नन्दन । तेज प्रताप महा जगवन्दन ।।
विघावान गुणी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ।।
सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा । विकट रुप धरि लंक जरावा ।।
भीम रुप धरि असुर संहारे । रामचन्द्रजी के काज संवारे ।।
लाय संजीवन लखन जियाये । श्री रघुवीर हरषि उर लाये ।।
रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ।।
सहस बदन तुम्हरो यश गावै । अस कहि श्री पति कंठ लगावै ।।
सनकादिक ब्रहादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ।।
यह कुबेर दिकपाल जहां ते । कवि कोबिद कहि सके कहां ते ।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा । राम मिलाय राजपद दीन्हा ।।
तुम्हरो मन्त्र विभीषन माना । लंकेश्वर भये सब जग जाना ।।
जुग सहस्त्र योजन पर भानू । लाल्यो ताहि मधुर फल जानू ।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही । जलधि लांघि गए अचरज नाहीं ।।
दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ।।
राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रक्षक काहू को डरना ।।
आपन तेज सम्हारो आपै । तीनों लोक हांक ते कांपै ।।
भूत पिशाच निकट नहिं आवै । महाबीर जब नाम सुनावै ।।
नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरन्तर हनुमत बीरा ।।
संकट ते हनुमान छुड़ावै । मन क्रम वचन ध्यान जो लावै ।।
सब पर राम तपस्वी राजा । तिनके काज सकल तुम साजा ।।
और मनोरथ जो कोई लावै । सोइ अमित जीवन फल पावै ।।
चारों जुग परताप तुम्हारा । है परसिद्घ जगत उजियारा ।।
साधु सन्त के तुम रखवारे । असुर निकन्दन राम दुलारे ।।
अष्ट सिद्घि नवनिधि के दाता । अस वर दीन जानकी माता ।।
राम रसायन तुम्हरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ।।
तुम्हरे भजन राम को पावै । जनम जनम के दुख बिसरावै ।।
अन्तकाल रघुबर पुर जाई । जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई ।।
और देवता चित्त न धरई । हनुमत सेई सर्व सुख करई ।।
संकट कटै मिटै सब पीरा । जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ।।
जय जय जय हनुमान गुसांई । कृपा करहु गुरुदेव की नाई ।।
जो शत बार पाठ कर सोई । छूटहिं बंदि महासुख होई ।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा । होय सिद्घि साखी गौरीसा ।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा । कीजै नाथ हृदय महं डेरा ।।
।। दोहा ।।
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रुप ।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ।।
Monday, July 25, 2011
three things in life
Just found this great mail/article.
Three/Teen/3 things in your life are most imp as –
Three things in life that, once gone, never come back
1. Time
2. Words
3. Opportunity
Three things in life that may never be lost
1. Peace
2. Hope
3. Honsety
Three things in life that are most valuable
1. Love
2. Self_Confidence
3. Friends
Three things in life that can never certain
1. Dream
2. Success
3. Fortune
Three things that make man/woman
1. Hardwork
2. Sincerity
3. Commitment
Three things in life that can destroy man/woman
1. Alcohol
2. Pride
3. Anger
Three things in life that once lost , hard to build up
1. Respect
2. Trust
3. Friends
Three things in life that never fail
1.True_Love
2.Determination
3.Belief
Hmmmmm… all are good if one should obey all these then his life will be cool.
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velue of programming code – hindi version
एक चुटकी कोड की क़ीमत तुम क्या जानो बाबू?
ईश्वर का आशीर्वाद होता है एक चुटकी कोड.
डेवेलपर के सर का ताज होता है एक चुटकी कोड,
हर टेसटर का को चाहिए एक चुटकी कोड.
हर पी.एम. का डेड-लाइन होता है एक चुटकी कोड,
हर सी.ई.ओ. का भविष्य होता है एक चुटकी कोड.
हर बेंच रीसोर्स का ख्वाब होता है एक चुटकी कोड,
हर क्लाइंट का एक-एक डॉलेर/पौंड होता है एक चुटकी कोड.
अरे तुम क्या जानो क्या होता है एक चुटकी कोड ??
हर सॉफ्टवेर - इंजिनियर की आन - बान और शान होता है एक चुटकी कोड.
ईश्वर का आशीर्वाद होता है एक चुटकी कोड.
डेवेलपर के सर का ताज होता है एक चुटकी कोड,
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हर बेंच रीसोर्स का ख्वाब होता है एक चुटकी कोड,
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अरे तुम क्या जानो क्या होता है एक चुटकी कोड ??
हर सॉफ्टवेर - इंजिनियर की आन - बान और शान होता है एक चुटकी कोड.
taare zameen par – Meri Maa – hindi translation
मैं कभी बतलता नहीं , पर अंधेरे से डरता हूँ मैं माँ
यूँ तो मैं,दिखलता नहीं , तेरी परवाह करता हूँ मैं माँ
तुझे सब हैं पता, हैं ना माँ – - तुझे सब हैं पता,,मेरी माँ
भीड़ में यूँ ना छ्होरो मुझे, घर लौट के भी आ नेया पाऊँ माँ
ेज ना इतना डोर मुजकको तू , याद भी तुझको आ नेया पाऊँ माँ
क्या इतना बुरा हूँ मैं माँ — क्या इतना बुरा मेरी माँ
जब भी कभी पापा मुझे, जो ज़ोर से झूला झूलते हैं माँ
मेरी नज़र ढूँढे तुझे , सोच यही तू आ के थामेगी माँ
उनसे मैं यह कहता नहीं — पर मैं सहम जाता हूँ माँ
चेहरे पे आने देता नहीं, दिल ही दिल में घबराता हूँ माँ
तुझे सब है पता है नेया माँ , तुझे सब है पता मेरी माँ
मैं कभी बतलता नहीं , पर अंधेरे से डरता हूँ मैं माँ
यूँ तो मैं,दिखलता नहीं , तेरी परवाह करता हूँ मैं माँ
तुझे सब हैं पता, हैं ना माँ – - तुझे सब हैं पता मेरी माँ
यूँ तो मैं,दिखलता नहीं , तेरी परवाह करता हूँ मैं माँ
तुझे सब हैं पता, हैं ना माँ – - तुझे सब हैं पता,,मेरी माँ
भीड़ में यूँ ना छ्होरो मुझे, घर लौट के भी आ नेया पाऊँ माँ
ेज ना इतना डोर मुजकको तू , याद भी तुझको आ नेया पाऊँ माँ
क्या इतना बुरा हूँ मैं माँ — क्या इतना बुरा मेरी माँ
जब भी कभी पापा मुझे, जो ज़ोर से झूला झूलते हैं माँ
मेरी नज़र ढूँढे तुझे , सोच यही तू आ के थामेगी माँ
उनसे मैं यह कहता नहीं — पर मैं सहम जाता हूँ माँ
चेहरे पे आने देता नहीं, दिल ही दिल में घबराता हूँ माँ
तुझे सब है पता है नेया माँ , तुझे सब है पता मेरी माँ
मैं कभी बतलता नहीं , पर अंधेरे से डरता हूँ मैं माँ
यूँ तो मैं,दिखलता नहीं , तेरी परवाह करता हूँ मैं माँ
तुझे सब हैं पता, हैं ना माँ – - तुझे सब हैं पता मेरी माँ
new addition of “meri maa” translation for those who drinks
मैं कभी बतलता नहीं
बार मैं रोज जाता हूँ मैं मा …
यूँ तो मैं दिखलता नहीं
दारू पीकर रोज़ आता हूँ मैं मा
तुझे सब है पता, हैं ना मा
तुझे सब है पता, मेरी मा
ठेके पे यूँ ना छेड़ो मुझे ,
घर लौट के भी आ नेया पाऊँ मैं मा
भेज ना इतना दूर मुझको तू,
घर भी भूल जौन मैं मा
क्या इतना बुरा हूँ मैं मा
क्या इतना बुरा हूँ मैं मा
स्कॉच मैं ,इतना पीता नही,
पेग से सहम जाता हून मैं मा
चेहरे पे आने देता नहीं
लेकिन कभी लूड़क जाता हूँ मैं मा
तुझे सब है पता है ना मा
तुझे सब है पता, मेरी मा
बार मैं रोज जाता हूँ मैं मा …
यूँ तो मैं दिखलता नहीं
दारू पीकर रोज़ आता हूँ मैं मा
तुझे सब है पता, हैं ना मा
तुझे सब है पता, मेरी मा
ठेके पे यूँ ना छेड़ो मुझे ,
घर लौट के भी आ नेया पाऊँ मैं मा
भेज ना इतना दूर मुझको तू,
घर भी भूल जौन मैं मा
क्या इतना बुरा हूँ मैं मा
क्या इतना बुरा हूँ मैं मा
स्कॉच मैं ,इतना पीता नही,
पेग से सहम जाता हून मैं मा
चेहरे पे आने देता नहीं
लेकिन कभी लूड़क जाता हूँ मैं मा
तुझे सब है पता है ना मा
तुझे सब है पता, मेरी मा
सॉफ्टवेर इंजिनियर ज़मीन पर……every इंजिनियर is स्पेशल !!
मैं कभी बतलाता नही , पर कोडिंग से डरता हून मैं PM
यूँ तो मैं, दिखलता नही, पर बेंच पर जाना चाहता हून मैं PM
आपको सब है पता,है ना PM
आपको सब है पता, मेरे PM
इश्यूस में यूँ ना छोड़ो मुझे, घर लौट कर भी जा ना पाऊ PM
भेजते क्यूँ नही ऑनसाइट मुझको आप, याद भी आपको आ ना पाऊ PM
क्या इतना डंब हूँ मैं, अरे बोलते क्यो नही क्या इतना डंब मेरा भेजा PM.
जब भी कभी ऑनसाइट मुझे, ढेर सारी काम देता है
मेरी नज़र ढूँढे आपको, सोचु यूँही आप आकर वर्क डिसट्रिब्यूट करोगे PM
उनसे मैं यह कहता नही, पर टेस्टिंग से पक जाता हूँ PM
चेहरे पे आने देता नही कोई झीजक, कंपनी छ्चोड़ कर भाग जाना चाहता हूँ PM
आपको सब है पता,है ना PM
आपको सब है पता, मेरे PM
यूँ तो मैं, दिखलता नही, पर बेंच पर जाना चाहता हून मैं PM
आपको सब है पता,है ना PM
आपको सब है पता, मेरे PM
इश्यूस में यूँ ना छोड़ो मुझे, घर लौट कर भी जा ना पाऊ PM
भेजते क्यूँ नही ऑनसाइट मुझको आप, याद भी आपको आ ना पाऊ PM
क्या इतना डंब हूँ मैं, अरे बोलते क्यो नही क्या इतना डंब मेरा भेजा PM.
जब भी कभी ऑनसाइट मुझे, ढेर सारी काम देता है
मेरी नज़र ढूँढे आपको, सोचु यूँही आप आकर वर्क डिसट्रिब्यूट करोगे PM
उनसे मैं यह कहता नही, पर टेस्टिंग से पक जाता हूँ PM
चेहरे पे आने देता नही कोई झीजक, कंपनी छ्चोड़ कर भाग जाना चाहता हूँ PM
आपको सब है पता,है ना PM
आपको सब है पता, मेरे PM
tips for a succesull job – funny saying. :: सफल नौकरी करने के कुछ नुस्खे
नीचे की कुछ पंक्तिया मेरी लिखी हुई नही है, मैंने उसका सिर्फ़ हिन्दी अनुवाद किया है. …
सफल नौकरी करने के कुछ नुस्खे
१. बने रहो पगला, काम करेगा अगला.
२. काम से रहो गुल, त्वन्ख्वा पाओ फुल.
३. मत लो टेंशन, वरना परिवार पायेगा पेंशन.
४. काम से डरो नही, और काम को करो नही.
५. काम करो या न करो, काम के फिक्र जरुर करो.
और फिक्र करो या न करो, जिक्र जरुर करो.
जनहित मैं जारी.
सफल नौकरी करने के कुछ नुस्खे
१. बने रहो पगला, काम करेगा अगला.
२. काम से रहो गुल, त्वन्ख्वा पाओ फुल.
३. मत लो टेंशन, वरना परिवार पायेगा पेंशन.
४. काम से डरो नही, और काम को करो नही.
५. काम करो या न करो, काम के फिक्र जरुर करो.
और फिक्र करो या न करो, जिक्र जरुर करो.
जनहित मैं जारी.
रॉक ओंन !!! पिछले सात दीनो में मैने खोया
:: जन हित मैं जारी नोट ::
मैंने इसका सिर्फ़ हिन्दी अनुवाद किया है.
और कुछ पंक्तियों मैं फेर-फार किया है.
अगर आपको लगता है की, कंही और भी बदलाव किया जा सकता है तो तुंरत कमेन्ट जोडीये.
मेरे सर का इतना लोड,
एक आधा PHP,Perl का कोड
ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना…
एक लड़की का एक्सटेन्षन,
मेरे पापा की पेन्षन
ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना…,
मेरे बाईक का एक हान्डेल
लड़की से पड़ी काली सॅंडल
पिछले सात दीनो में मैने खोया
कभी खुद पे हंसा मैं और कभी खुद पे रोया
ना ना ना ना ना …
ना ना ना ना ना …
ना ना ना ना ना …
ना ना ना ना ना ….
R&R का एक अवॉर्ड,
८० जी-बी B का ई-पॉड
ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना…
मेरी फ्रूटी की पॅकेट,
बॅडमिंटन की एक रॅकेट
ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना…
मेरा गंजा सा PM,
कल की लास्ट बस ऑफ ९ PM
पिछले सात दीनो में मैने खोया
कभी खुद पे हंसा मैं,
और कभी खुद पे…रोया
कैसे भूलूं …..
फ्राइडे का दिन जो आया
किसी ने तुमसे एक प्रॉजेक्ट में मिलवाया
कैसा पल था जिस पल मैने तुमको पहली बार देखा था……आ आ आ…
हम जो मिले पहली बार,
मैने जाना.. क्या है प्यार
मैने होश भी खोया दिल भी खोया
कभी खुद पे हंसा मैं,
और कभी खुद पे रोया
ना ना ना ना ना…
ना ना ना ना ना…
ना ना ना ना ना…
ना ना ना ना ना…
मैने पिछले सात दीनो में ये सब है, खोया
तो कहो मजा आया या नही.
मैंने इसका सिर्फ़ हिन्दी अनुवाद किया है.
और कुछ पंक्तियों मैं फेर-फार किया है.
अगर आपको लगता है की, कंही और भी बदलाव किया जा सकता है तो तुंरत कमेन्ट जोडीये.
मेरे सर का इतना लोड,
एक आधा PHP,Perl का कोड
ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना…
एक लड़की का एक्सटेन्षन,
मेरे पापा की पेन्षन
ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना…,
मेरे बाईक का एक हान्डेल
लड़की से पड़ी काली सॅंडल
पिछले सात दीनो में मैने खोया
कभी खुद पे हंसा मैं और कभी खुद पे रोया
ना ना ना ना ना …
ना ना ना ना ना …
ना ना ना ना ना …
ना ना ना ना ना ….
R&R का एक अवॉर्ड,
८० जी-बी B का ई-पॉड
ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना…
मेरी फ्रूटी की पॅकेट,
बॅडमिंटन की एक रॅकेट
ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना…
मेरा गंजा सा PM,
कल की लास्ट बस ऑफ ९ PM
पिछले सात दीनो में मैने खोया
कभी खुद पे हंसा मैं,
और कभी खुद पे…रोया
कैसे भूलूं …..
फ्राइडे का दिन जो आया
किसी ने तुमसे एक प्रॉजेक्ट में मिलवाया
कैसा पल था जिस पल मैने तुमको पहली बार देखा था……आ आ आ…
हम जो मिले पहली बार,
मैने जाना.. क्या है प्यार
मैने होश भी खोया दिल भी खोया
कभी खुद पे हंसा मैं,
और कभी खुद पे रोया
ना ना ना ना ना…
ना ना ना ना ना…
ना ना ना ना ना…
ना ना ना ना ना…
मैने पिछले सात दीनो में ये सब है, खोया
तो कहो मजा आया या नही.
jai ho lyrics hindi, awesome lyrics
जय हो, जय हो
आजा आजा हिंद शामियाने के तले, आजा जरीवले नीले आसमान के तले
जय हो, जय हो
रत्ती रत्ती साची मैने जान गवाई है, नाच नाच खयालो पे रात बिताई है
अखियों की नींद मैने फूंको से उड़ा दी, नीले तारे से मैने उंगली जलाई है
आजा आजा हिंद शामियाने के तले, आजा जरीवले नीले आसमान के तले
चख ले हो चख ले ये रात शहद है चख ले, रख ले हाँ दिल है दिल आखरी हद है रख ले
काला काला काजल तेरा कोई कला जादू है ना, काला काला काजल तेरा कोई काला जादू है ना
आजा आजा हिंद शामियाने के तले, आजा जरीवले नीले आसमान के तले
जय हो, जय हो!! जय हो, जय हो!!
कब से हा कब से तू लब पे रुकी है कह दे, कह दे हा कह दे अब आँख झुकी है.. कह दे
ऐसी ऐसी रोशन आँखे रोशन दोनो भी है है क्या…
आजा आजा हिंद शामियाने के तले, आजा जरीवले नीले आसमान के तले
जय हो, जय हो!! जय हो, जय हो!!
आजा आजा हिंद शामियाने के तले, आजा जरीवले नीले आसमान के तले
जय हो, जय हो
रत्ती रत्ती साची मैने जान गवाई है, नाच नाच खयालो पे रात बिताई है
अखियों की नींद मैने फूंको से उड़ा दी, नीले तारे से मैने उंगली जलाई है
आजा आजा हिंद शामियाने के तले, आजा जरीवले नीले आसमान के तले
चख ले हो चख ले ये रात शहद है चख ले, रख ले हाँ दिल है दिल आखरी हद है रख ले
काला काला काजल तेरा कोई कला जादू है ना, काला काला काजल तेरा कोई काला जादू है ना
आजा आजा हिंद शामियाने के तले, आजा जरीवले नीले आसमान के तले
जय हो, जय हो!! जय हो, जय हो!!
कब से हा कब से तू लब पे रुकी है कह दे, कह दे हा कह दे अब आँख झुकी है.. कह दे
ऐसी ऐसी रोशन आँखे रोशन दोनो भी है है क्या…
आजा आजा हिंद शामियाने के तले, आजा जरीवले नीले आसमान के तले
जय हो, जय हो!! जय हो, जय हो!!
Mann Ka Radio Hindi Lyrics
मन का रेडियो बजने दे जरा, गम को भूल कर जी ले तू जरा.
स्टेशन कोई नया tune कर ले जरा, full to attitude दे दे तू जरा.
टुटा दिल क्या हुआ, हो गया जो हुआ .. आ आ आ आ. …
भूले बिसरे गीत गाके तू भूल जा.
बदला जो rhythm उसपे जा
full to attitude दे दे तू जरा. आ आ आ आ आ
क्या होगा क्या नहीं होगा ऊपर वाले पर छोड़ दे. ऊपर वाले पर छोड़ दे.
आज इस पल मैं तू ज़िन्दगी को जी जरा, तुझको आकाश की वाणी का है वास्ता.
क्या खोया क्या नहीं पाया उसपे रोना तू छोड़ दे , उसपे रोना तू छोड़ दे.
band जो बजे तेरा खुल के तू भी साथ गा दर्द ही बने दवा funda है ये लाइफ का.
मन का रेडियो बजने दे जरा, गम को भूल कर जी ले तू जरा.
स्टेशन कोई नया tune कर ले जरा, full to attitude दे दे तू जरा.
टुटा दिल क्या हुआ, हो गया जो हुआ .. आ आ आ आ. …
स्टेशन कोई नया tune कर ले जरा, full to attitude दे दे तू जरा.
टुटा दिल क्या हुआ, हो गया जो हुआ .. आ आ आ आ. …
भूले बिसरे गीत गाके तू भूल जा.
बदला जो rhythm उसपे जा
full to attitude दे दे तू जरा. आ आ आ आ आ
क्या होगा क्या नहीं होगा ऊपर वाले पर छोड़ दे. ऊपर वाले पर छोड़ दे.
आज इस पल मैं तू ज़िन्दगी को जी जरा, तुझको आकाश की वाणी का है वास्ता.
क्या खोया क्या नहीं पाया उसपे रोना तू छोड़ दे , उसपे रोना तू छोड़ दे.
band जो बजे तेरा खुल के तू भी साथ गा दर्द ही बने दवा funda है ये लाइफ का.
मन का रेडियो बजने दे जरा, गम को भूल कर जी ले तू जरा.
स्टेशन कोई नया tune कर ले जरा, full to attitude दे दे तू जरा.
टुटा दिल क्या हुआ, हो गया जो हुआ .. आ आ आ आ. …
A software engineer – a hindi poem
अपने project के बोझ तले दबा जा रहा है,
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.
हजारो की तन्ख्वा वाला , करोडो की जेब भरता है.
सोफ्टवेयर इंजीनियर वही बन सकता है जो जिगर रखता है.
अपने PM और TL की रोज गालिया सुनता है.
पर वीक-एंड (weekend) को रोज याद रखता है.
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.
कोडिंग करते – करते पता ही नही पड़ा कब बग्स की प्रिओरिटी माँ -बाप से ज्यादा हो गयी.
किताब मैं गुलाब रखने वाला , कब सिगरेट के धुए मैं खो गया.
वीक-इंड्स (weekends) पर दारु पी कर जो जश्न मना रहा है.
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.
जीन्दगी से हारा हुआ है; पर bugs से हार नही मानता हे.
अपने application की एक-एक line ये जनता है.
दिन पर दिन , एक एक program फाईल बनाता जा रहा है;
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.
दस हजार लाईन के कोड मे error ढूंड लेता हे;
लेकिन दोस्त के दिल की बात नही.
कंप्युटर पर हजार window खुली है;
पर दिल की खिडकी पर कोई दस्तक नही.
week-ends को नहाता नही; पर weekdays नहाता है.
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.
खरचे बढ़ रहे है, बाल कम हो रहे है.
appraisal की डेट आती नही, इनकम टैक्स के सीतम हो रहे है.
लो फ़िर से company की बस (cab) छुट गयी , वो देखो आटो (auto) से आ रहा है.
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.
ऑफिस की खाने थाली देख अपना मुह बिगड़ता है.
माँ के खाने को रोज याद करता है.
रोज लंच मैं (sudexho) कूपन और शाम को स्नेक्स (sneks) से काम चला रहा है.
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.
आपने अब तक ली होंगी बहुत सी चुटकिया,
सोफ्टवेयर इंजीनियर के जीवन का सच बताती ये कुछ आखरी पंकतिया.
” इस कविता का हर शब्द मरे दिल की गहराई से आ रहा है.
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.”
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.
हजारो की तन्ख्वा वाला , करोडो की जेब भरता है.
सोफ्टवेयर इंजीनियर वही बन सकता है जो जिगर रखता है.
अपने PM और TL की रोज गालिया सुनता है.
पर वीक-एंड (weekend) को रोज याद रखता है.
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.
कोडिंग करते – करते पता ही नही पड़ा कब बग्स की प्रिओरिटी माँ -बाप से ज्यादा हो गयी.
किताब मैं गुलाब रखने वाला , कब सिगरेट के धुए मैं खो गया.
वीक-इंड्स (weekends) पर दारु पी कर जो जश्न मना रहा है.
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.
जीन्दगी से हारा हुआ है; पर bugs से हार नही मानता हे.
अपने application की एक-एक line ये जनता है.
दिन पर दिन , एक एक program फाईल बनाता जा रहा है;
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.
दस हजार लाईन के कोड मे error ढूंड लेता हे;
लेकिन दोस्त के दिल की बात नही.
कंप्युटर पर हजार window खुली है;
पर दिल की खिडकी पर कोई दस्तक नही.
week-ends को नहाता नही; पर weekdays नहाता है.
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.
खरचे बढ़ रहे है, बाल कम हो रहे है.
appraisal की डेट आती नही, इनकम टैक्स के सीतम हो रहे है.
लो फ़िर से company की बस (cab) छुट गयी , वो देखो आटो (auto) से आ रहा है.
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.
ऑफिस की खाने थाली देख अपना मुह बिगड़ता है.
माँ के खाने को रोज याद करता है.
रोज लंच मैं (sudexho) कूपन और शाम को स्नेक्स (sneks) से काम चला रहा है.
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.
आपने अब तक ली होंगी बहुत सी चुटकिया,
सोफ्टवेयर इंजीनियर के जीवन का सच बताती ये कुछ आखरी पंकतिया.
” इस कविता का हर शब्द मरे दिल की गहराई से आ रहा है.
वो देखो एक सोफ्टवेयर इंजीनियर जा रहा है.”
Hindi Poem on would-be wife: पत्नी की बाँहों में आकर
This is a short, sweet Hindi poem, pure imagination. Image from the web.
मैं अपनी पत्नी की बाँहों में आकर
खूब सुकून पाता हूँ
सारे दुःख गम टेंशन परेशानियां
पल में भूल जाता हूँ!
गोरी-गोरी उन बाँहों में
दिखती है मुझको जन्नत
हर जनम में मेरी ही रहना
मांगू रब से यही मन्नत!
उसकी बाँहों की जकड़न
हर दर्द निचोड़ देती है
थक रही सी जिन्दगी को
इक नया मोड़ दे देती है!
खुदा की बाहों में भी शायद
यकीनन न होगी वो बरकत
पत्नी की बाहें ही पति को
दे सकती हैं वो हरकत!
सर्दी-खांसी: A humorous Hindi poem on Cold and Cough
सर्दी-खांसी से बुरा हाल है
डॉक्टर को दिखाया है
हालत सुधर रही है
ढेरों कैप्सूल खाया है!
जब सर्दी-खांसी हो जाती है
मन चिडचिडा हो जाता है
नाक बहती रहती है
कुछ भी नहीं भाता है!
भगवान् बड़े रोग दे दे
पर दे न कभी सर्दी-खांसी
कुछ खास नुकसान तो नहीं होता
पर मन में छायी रहती उदासी!
सर में थकान सी रहती है
सब भारी-भारी लगता है
किसी काम में दिल नहीं लगता
बस सोने का मन करता है!
नाक सुड-सुड करता है
आवाज अजीब हो जाती है
कुछ दिन आदमी नहीं नहाता
छीकें खूब आती हैं!
मैं तो इतना हेल्थी हूँ
फिर भी सर्दी लग जाती है
प्रकृति के आगे जोर नहीं चलता
सर्दी-खांसी सालाना आती है!
डॉक्टर को दिखाया है
हालत सुधर रही है
ढेरों कैप्सूल खाया है!
जब सर्दी-खांसी हो जाती है
मन चिडचिडा हो जाता है
नाक बहती रहती है
कुछ भी नहीं भाता है!
भगवान् बड़े रोग दे दे
पर दे न कभी सर्दी-खांसी
कुछ खास नुकसान तो नहीं होता
पर मन में छायी रहती उदासी!
सर में थकान सी रहती है
सब भारी-भारी लगता है
किसी काम में दिल नहीं लगता
बस सोने का मन करता है!
नाक सुड-सुड करता है
आवाज अजीब हो जाती है
कुछ दिन आदमी नहीं नहाता
छीकें खूब आती हैं!
मैं तो इतना हेल्थी हूँ
फिर भी सर्दी लग जाती है
प्रकृति के आगे जोर नहीं चलता
सर्दी-खांसी सालाना आती है!
Thursday, July 21, 2011
Lady and Bolane walaTota...
Ek din 1 lady tota kharidne gyi...
Lady - Iski kya khasiyat hai..?
Dukandar - Ye bolta hai...
Lady ne tote se pucha - Main kaisi lagti hu..?
Tota - saali character less lagti hai....!!!
Lady - Ye to bahot batmiz tota hai...
Dukandar tota andar le gya or zor se pani me duba ke pucha,bol ab gaali dega..?
Tota - Nahi kabi nahi dunga...!!
Wo usse bahar le gya or lady se kha ab puchiye..!!
Lady - agr mere ghr pe 1 admi aayega to tum kya sochoge..?
Tota - tumhara pati hai..!
Lady - Agr 2 ?
Tota - Tumhara pati or devar.
Lady - Agr 3?
Tota - Pati ,devar or bhai..
Lady - agr 4?
Tota - PANI LE AAO BHAI,MAINE TO PHALE HI KAHA THA SAALI CHARACTER LESS HAI..!
Wednesday, July 20, 2011
Sher and Shayari Collection
- Ek
Sher sunata hu bade dhyan se suno
Ek Sher sunata hu bade dhyan se suno
Mujhe Sher nahi aata kisi aur se suno
- Yeh
mere aasu jinhe koi pochne wala bhi nahi,
Koi aanchal enhe milta to sitare hote.
- Jise
dil diya woh dilhi chali gayi..
Jise pyar kiya woh italy chali gayi...
Dil ne kaha khud kushi(suicide) kar le zalim...
Bijali ko haath lagaya to bijali chali gayi...
- Duniya
Se Jo Dare, Usse Kayar Kehte Hain,
Duniya Jisse Dare, Usse Shayar Kehte Hain,
Biwi Se Jo Dare, Usse Shohar Kehte Hain.
- Aur
bhi bahut si cheeze lut chu-ki hai dil ke saath
Ye bataya dosto ne ishq farmane ke baad
Is liye kamray ki ek ek cheez "ckeck" karta hoon main
"Ek tere aane se pehle, ek tere jaa-ne ke baad"
- Hamne
mana aapme hogi sabra ki takat hamse jyada,
Dekh lo lekin utri hogi aapki surat hamse jyada.
- Mushkil
ka meri unko mukshil se yeki aaya,
Samjhe meri mushkil ko magar badi mushkil se.
- Andaz
apne dekhte hai aaine me woh,
Aur yebhi dekhte hai ke koi dekhta n ho.
- Dil
na umid to nahi, nakam hi to hai,
Lambi hai gam ki shyam magar, shyam hi to hai.
- Bahut
roai hai us aasu ke khatir,
Jo nikalta hai khushi ki intaha per.
- Zakhm
kuch aaise huai phulo per soya n gaya,
Jisma jalkar khak aakho se raya n gaya.
- Aab
es hadd pe laya hai intazaar muzhe,
Woh aa bhi jaye to aaye na yaki muzhe.
- Ek
diya jo sare rah jalane nikle,
Aandhya bankar kai log buzane nikle.
- Kamse
kam maut se aisi mujhe ummid nahi,
Jindgi tune to diya dhoke pe dhoka - Itni
raat gaye Kyon apni qabra khod raha hai Galib
Itni raat gaye kyon apni qabara khod raha hai Galib
La, phawda mujhe de de !!
- Humne
bhi pyar kiya tha jindgi main, badi josh ke sath!
Humne bhi pyar kiya tha jindgi main, badi shor ke sath!
Aab hum pyar karenge badi soch ke sath !
Kyon ki usey kal shamko dekha kisi aur ke sath !
- Gam
woh cheez hai
Gam woh cheez hai
Gam woh cheez hai
Jisse kagaz chipkaye jaate hain.
- Dharti
se aasmaa tak, aasmaa se dharti tak
Dharti se aasmaa tak, aasmaa se dharti tak
Dharti se aasmaa tak, aasmaa se dharti tak
Dharti se aasmaa tak, aasmaa se dharti tak
Hawa hi hawa hai.
- Na
jane ashk se aakho me kyo hai aaye hue,
Gujar gaya hai jamana tuzhe bhula ye huye.
- Jo
hamse tum n mile to kuch hum mar na gaye,
Kahne ko bat rehe gayi aur din gujar gaye.
- Dil
woh nagar nahi ki phir aabad ho sake,
Pachtawoge suno ye basti ujad ke.
- Janaje
ko woh mere rukwa ke bole,
ye launtenge kab tak, kaha ja rahe ho.
- Koi
aahat koi aawaz koi chah nahi,
Dil ki galiya badi sunsan hai aaye koi.
- Khushi
se aag laga o es muhalle me,
Mera makan hi nahi tumhara ghar bhi hai.
- Pahle
to khushi me bhi nikal aate the aasu,
Aab ranj bhi hota hai to rona nahi aata.
- Kata
samaz kar hamse n daman bacha e ye,
Gujri hui bahar ki ek yadgar hu.
- Bechaini
ya samet ke sare zaha ki,
Jab kuch n ban saka to mera dil bana diya. - Ladka
bola :
kash in hasinao ke baap mar jate,
kash in hasinao ke baap mar jate,
bahana gham ka hota, hum inke ghar to aate.
Ladki boli:
Bewkoof, Yeh bolana bhi paap hoga,
Bewkoof, Yeh bolana bhi paap hoga,
kisi din tu bhi kisi hasina ka baap hoga.
-
Ladki
boli:
Chandni chaand se hoti hai, sitaron se nahi,
Chandni chaand se hoti hai, sitaron se nahi,
Mohabbat ek se hoti hai, hazaaron se nahi.
Ladka bola :
Chandni agar chaand se hogi to sitaron ka kya hoga,
Chandni agar chaand se hogi to sitaron ka kya hoga,
Mohabbat agar ek se hogi to hazaron ka kya hoga.
-
Bewafa
sanam se to cigarette achhi hai,
Bewafa sanam se to cigarette achhi hai,
Dil jalati hai, par hoto se to lagti hai.
-
Voh
Sadak Ke Us Paar Thi Hum Sadak Ke Is Paar The
Kuch Hum Aage Badhe, Kuch Voh Aage Badhi
Hum Kuch Aur Aage Badhe, Voh Bhi Kuch Aur Aage Badhi
Hum Aur Bhi Aage Badhe, Voh Bhi Aur Aage Badhi
Ab Hum Sadak Ke Us Paar Hein, Aur Voh Sadak Ke Is Paar Hein.
-
Tum
pucho aur hum na bata ye aise to halat nahi,
Bas jara sa dil tuta hai aur koi bat nahi.
-
Mai
akela hi chala tha janibemanzil ki taraf,
Log aate gaye aur karwa banta gaya.
- Kya
hamari daur ke kuch pine wale uth gaye,
Aaj khali kyo lag rahe hai paimane kai.
- Tum
aa gaye ho ; Noor aa gaya hai
Chalo teeno picture challe.....
-
Door
se dekha to kuchh dikha nahi......
Dooor se dekhaaa.. to kuchh dikha nahi....
Paas jake dekhaa to kuchh tha hi nahi.
Monday, July 18, 2011
खूबसूरती क्या है
मैने खुदा से पूछा कि खूबसूरती क्या है? तो वो बोले खूबसूरत है वो लब जिन पर दूसरों के लिए एक दुआ है खूबसूरत है वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए खूबसूरत है वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए और किसी के प्यार के रंग मे रंग जाए खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समझे खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से कहानियाँ खूबसूरत है वो आँखे जिनमे कितने खूबसूरत ख्वाब समा जाएँ खूबसूरत है वो आसूँ जो किसी के ग़म मे बह जाएँ खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए खूबसूरत है वो कदम जो अमन और शान्ति का रास्ता तय कर जाएँ खूबसूरत है वो सोच जिस मे पूरी दुनिया की भलाई का ख्याल
दर्द कैसा भी हो आंख नम न करो
दर्द कैसा भी हो आंख नम न करो रात काली सही कोई गम न करो एक सितारा बनो जगमगाते रहो ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो बांटनी है अगर बाँट लो हर ख़ुशी गम न ज़ाहिर करो तुम किसी पर कभी दिल कि गहराई में गम छुपाते रहो ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो अश्क अनमोल है खो न देना कहीं इनकी हर बूँद है मोतियों से हसीं इनको हर आंख से तुम चुराते रहो ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो फासले कम करो दिल मिलाते रहो ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो...
दर्द कैसा भी हो आंख नम न करो
दर्द कैसा भी हो आंख नम न करो रात काली सही कोई गम न करो एक सितारा बनो जगमगाते रहो ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो बांटनी है अगर बाँट लो हर ख़ुशी गम न ज़ाहिर करो तुम किसी पर कभी दिल कि गहराई में गम छुपाते रहो ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो अश्क अनमोल है खो न देना कहीं इनकी हर बूँद है मोतियों से हसीं इनको हर आंख से तुम चुराते रहो ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो फासले कम करो दिल मिलाते रहो ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो...
Sunday, July 17, 2011
Meri baat maan lo.....
Kabr pe behatasha rote hue shakhs se humne poochhaa,
kis ki yaad mein ro rahe ho is bekadar? jaroor koi tumahaara aziz ya dile-jigar raha hoga, ya phir marhoom bibi ka ghum tumhe khaa raha hoga shakhs bola, essi koi baat nahin hai, wafaai aur zazbaat ki takraar nahin hai hum ye baat sunkar chakraa gaye, thode girre phir sambhalaa gaye poochaa ,ye raaz humen bhee sunaayo apni mashooka ka kissa to farmaaayo bolaa, ye meri bibi ke pehle pati ki kabr hai, kon thaa,nahin mujhe iski koi khabr hai zindaa hota aaj 'vo',to mein aazad hota, na meraa husn-e-mahal is kadr barbaad hota Al-Qaida ke kaidiyon se bhi buraa haal hai, haath paer khulle par dil zakhmon se laal hai ae mere hamdard aur saathiyon,kya tumhne ehsaas hai, ke shaadi aur wafaai, is zamaane mein itihaas hai. Jinki ho gai , vo pachhta rahen hain, Jinki nahin hui, vo chakkra rahe hain third wife aur fourth husband ka zamaana hai her kids,my kids and our kids kya anjaana hai? Apne ko pehchaan lo ,'living together' ko jaan lo, Laila Majnoo ko bhoolkar , meri baat maan lo. |
Mirza Ghalib
hazaaro.n Khvaahishe.n aisii ki har Khvaaish pe dam nikale
bahut nikale mere armaa.N lekin phir bhii kam nikale Dare kyuu.N meraa qaatil kyaa rahegaa usakii gardan par vo Khuu.N jo chashm-e-tar se umr bhar yuu.N dam-ba-dam nikale [chashm=eye; tar=wet; dam_ba_dam=continously] nikalanaa Khuld se aadam kaa sunate aaye hai.n lekin bahut be-aabaruu hokar tere kuuche se ham nikale
[Khuld=Paradise; be-aabaruu=disgrace; kuuchaa=street]
bharam khul jaaye zaalim tere qaamat kii daraazii kaa
agar is turraa-e-purapech-o-Kham kaa pech-o-Kham nikale
[qaamat=stature; daraazii=length/delay; turra=ornamental tassel worn in the turban]
[pech-o-Kham=curls in the hair]
magar likhavaaye koii usako Khat to hamase likhavaaye
huii subah aur ghar se kaan par rakkhar qalam nikale huii is daur me.n ma.nsuub mujhase baadaa-ashaamii phir aayaa vo zamaanaa jo jahaa.N se jaam-e-jam nikale
[ma.nsuub=association, baada_aashaamee=havign to do with drinks]
huii jinase tavaqqo Khastagii kii daad paane kii
vo hamase bhii ziyaadaa Khastaa-e-teG-e-sitam nikale
[tavaqqo=expectation; Khastagii=injury, daad=justice]
[Khasta=broken/sick/injured, teG=sword, sitam=cruelity ]
muhabbat me.n nahii.n hai farq jiine aur marane kaa
usii ko dekh kar jiite hai.n jis kaafir pe dam nikale zara kar jor siine par ki tiir-e-pursitam nikale jo vo nikle to dil nikale jo dil nikale to dam nikale Khudaa ke vaaste pardaa na kaabe se uThaa zaalim Kahii.n aisaa na ho yaa.N bhii vahii kaafir sanam nikale Kahaa.N maiKhaane ka daravaazaa 'Ghalib' aur kahaa.N vaaiz par itanaa jaanate hai.n kal vo jaataa thaa ke ham nikale har kisi ke nahi preet ne aj tak jise bhi dosti ki usne hi dhoka de diya aur jise mohabat ki usne to jeene ka arman hi shen liya |
Main aur meri tanhai
Main aur meri tanhai
Aksar ye batein karte hain Tum hoti to kaisa hota tu yeh kahti, tum woh kahti Tum is baat pe hairan hoti tum us baat pe kitni hasti tum hoti to aisa hota, tum hoti to waisa hota Main aur meri tanhai ,aksar yeh baten karte hain Yeh raat hai ya teri julfe khuli hui hain hai chandani, ya tumhari nazron se meri raatein dhooli hui hain Yeh chand hai ya tumhara kangan sitarain hain ya tumhara aanchal Hawa ka jhoka hai, ya tumhare badan ki khusboo Yeh pattiyon ki hai sarsarahat, ki tumne chupke se kuch kaha hai Yeh sochta hoon main kabse gumsum jabki mujhko bhi yeh khabar hai Ki tum nahi ho, kahin nahi ho Margar yeh dil hai ki kah raha hai ki tum yahin ho, yahin kahin ho. Majboor yeh haalat edhar bhi hai udhar bhi Tanhai ki ek raat edhar bhi hai udhar bhi Kahne ko bahut kuch hai magar kisse kahain hum Kab tak yuhin khamosh rahein aur sahe hum Dil kahta hai duniya ki har ek rasm utha dein Deewar jo hum dono mein hai aaj gira dein Kyun dil mein sulagte rahain, logo ko bata dein HAN HUMKO MOHABBAT HAI, MOHABBAT HAI, MOHABBAT! Aub dil mein yahi baat edhar bhi hai udhar bhi -SILSILA |
A collection of famous quotes by Navjot Singh
A collection of famous quotes by Navjot Singh (made
during his commentary of the cricket matches): 1.That ball went so high it could have got an airhostess down with it. 2.There is light at the end of the tunnel for India, but it's that of an incoming train which will run them over. 3.Experience is like a comb that life gives you when you are bald. 5.Sri Lankan score is running like an Indian taximeter. 7.Wickets are like wives - you never know which way they will turn! 8.He is like Indian three-wheeler, which will suck a lot of diesel but cannot go beyond 30! 9.The Indians are going to beat the Kiwis! Let me tell you, my friend, that the Kiwi is the only bird in the whole world, which does not have wings! 10.As uncomfortable as a bum on a porcupine. 11.The ball whizzes past like a bumblebee and the Indians are in the sea. 12.The Indians are finding the gaps like a pin in a haystack. 13.The pitch is as dead as a dodo. 14.Deep Dasgupta is as confused as a child is in a topless bar! 15.The way Indian wickets are falling reminds of the cycle stand at Rajendra Talkies in Patiala..! one falls and everything else falls! 16.Indian team without Sachin is like giving a Kiss without a Squeeze. 17.You cannot make Omlets without breaking the eggs. 18.Deep Dasgupta is not a Wicket Keeper, he is a goalkeeper. He must be given a free transfer to Manchester United. 19.He will fight a rattlesnake and give it the first two bites too. 20.One, who doesn't throw the dice, can never expect to score a six. 22.Anybody can pilot a ship when the sea is calm. 23.Nobody travels on the road to success without a puncture or two. 24.You got to choose between tightening your belt or losing your pants. 25.The cat with gloves catches no mice. 26.Age has been perfect fire extinguisher for flaming youth. 27.You may have a heart of gold, but so does! a hard-boiled egg. 28.He is like a one-legged man in a bum kicking competition. 29.The third umpires should be changed as often as nappies and for the same reason. 30. The world is all about mind and matter, I don't mind and U don't matter... 31. In London they drive on the left, in India we drive on what is left! |
Difference between boys and girls when getting cash from an ATM
Difference between boys and girls when getting cash from an ATM
Boys: 1- Drive to the bank, park, go to the Cash Dispenser 2- Insert card 3- Dial code and desired amount 4-Take the cash and the card ************************************************ Girls: 1-Drive to the bank 2-Check make-up in the mirror 3- Apply perfume 4- Manually check haircut 5- Park car - failure 6- Park car - failure 7- Park car - success 8- Search for the card in the handbag 9- Insert card, rejected by the machine 10- Throw phone card back in handbag 11- look for bank card 12- Insert card 13- Look for piece of paper where secret code is written in handbag 14- Enter code 15-Study instructions for 2 minutes 16- #Cancel# 17- Re-enter code 18- #Cancel# 19- Call husband to get correct code 20- Enter desired amount 21- #Error# 22- Enter bigger amount 23- #Error# 24- Enter maximum amount 25- Cross fingers 26- Take cash 27- Go back to the car 28- Check make-up in rear mirror 29- Look for keys in handbag 30- Start car 31- Drive 50 meters 32- STOP 33- Drive back to bank machine 34- Go out of the car 35- Take card back from machine 36- Go back to the car 37- Throw card on passenger seat 38- Check make-up in rear mirror 39- Manually check haircut 40- Go into roundabout - wrong way 41- BREAK 42- Go into roundabout - right way 43- Drive 5 kilometers 44- Remove hand break |
यमराज का इस्तीफा
एक दिन यमदेव ने दे दिया अपना इस्तीफा।
मच गया हाहाकार बिगड़ गया सब संतुलन, करने के लिए स्थिति का आकलन, इन्द्र देव ने देवताओं की आपात सभा बुलाई और फिर यमराज को कॉल लगाई। 'डायल किया गया नंबर कृपया जाँच लें' कि आवाज तब सुनाई। नये-नये ऑफ़र देखकर नम्बर बदलने की यमराज की इस आदत पर इन्द्रदेव को खुन्दक आई, पर मामले की नाजुकता को देखकर, मन की बात उन्होने मन में ही दबाई। किसी तरह यमराज का नया नंबर मिला, फिर से फोन लगाया गया तो 'तुझसे है मेरा नाता पुराना कोई' का मोबाईल ने कॉलर टयून सुनाया। सुन-सुन कर ये सब बोर हो गये ऐसा लगा शायद यमराज जी सो गये। तहकीकात करने पर पता लगा, यमदेव पृथ्वीलोक में रोमिंग पे हैं, शायद इसलिए, नहीं दे रहे हैं हमारी कॉल पे ध्यान, क्योंकि बिल भरने में निकल जाती है उनकी भी जान। अन्त में किसी तरह यमराज हुये इन्द्र के दरबार में पेश, इन्द्रदेव ने तब पूछा-यमक्या है ये इस्तीफे का केस? यमराज जी तब मुँह खोले और बोले- हे इंद्रदेव। 'मल्टीप्लैक्स' में जब भी जाता हूँ, 'भैंसे' की पार्किंग न होने की वजह सेबिन फिल्म देखे,ही लौट के आता हूँ। 'बरिस्ता' और 'मैकडोन्लड' वाले तो देखते ही देखते इज्जत उतार देते हैं और सबके सामने ही ढ़ाबे में जाकर खाने-की सलाह दे देते हैं। मौत के अपने काम पर जब पृथ्वीलोक जाता हूँ 'भैंसे' पर मुझे देखकर पृथ्वीवासी भी हँसते हैं और कार न होने के ताने कसते हैं। भैंसे पर बैठे-बैठे झटके बड़े रहे हैं वायुमार्ग में भी अब ट्रैफिक बढ़ रहे हैं। रफ्तार की इस दुनिया का मैं भैंसे से कैसे करूँगा पीछा। आप कुछ समझ रहे हो या कुछ और दूँ शिक्षा। और तो और, देखो रम्भा के पास है 'टोयटा' और उर्वशी को है आपने 'एसेन्ट' दिया, फिर मेरे साथ ये अन्याय क्यों किया? हे इन्द्रदेव। मेरे इस दु:ख को समझो और चार पहिए की जगह चार पैरों वाला दिया है कह कर अब मुझे न बहलाओ, और जल्दी से 'मर्सिडीज़' मुझे दिलाओ। वरना मेरा इस्तीफा अपने साथही लेकर जाओ। और मौत का ये काम अब किसी और से करवाओ। |
HR Manager's Love Letter
Hi Friends,
Check this out...this may give you one opportunity to laugh... Ever wondered how a HR Manager could write a love letter to his girl
friend ??
To,
Juliet
Sub: Offer of love!
Ref: Meeting in coffee shop
Dearest Ms Juliet,
I am pleased to inform you that I have fallen in Love with you since the 14th of October (Saturday).
With reference to the meeting held between us on the 13th of Oct. at 1500 hrs, would like to present myself as a prospective lover.
Our love affair would be on probation for a period of three months and depending on compatibility, would be made permanent. Of course, upon completion of probation, there will be continuous on the job training and
performance appraisal schemes leading up to promotion from lover to spouse.
The expenses incurred for coffee and entertainment would initially be shared
equally between us. Later, based on your performance, I might take up a larger share of the expenses. However I am broadminded enough to be taken care of, on your expense account.
I request you to kindly respond within 30 days of receiving this letter, failing which, this offer would be cancelled without further notice and I
shall be considering someone else.
I would be happy, if you could forward this letter to your sister, if you do not wish to take up this offer.
Wish you all the best!
Thanking you in anticipation,
Yours sincerely,
HR Manager
Check this out...this may give you one opportunity to laugh... Ever wondered how a HR Manager could write a love letter to his girl
friend ??
To,
Juliet
Sub: Offer of love!
Ref: Meeting in coffee shop
Dearest Ms Juliet,
I am pleased to inform you that I have fallen in Love with you since the 14th of October (Saturday).
With reference to the meeting held between us on the 13th of Oct. at 1500 hrs, would like to present myself as a prospective lover.
Our love affair would be on probation for a period of three months and depending on compatibility, would be made permanent. Of course, upon completion of probation, there will be continuous on the job training and
performance appraisal schemes leading up to promotion from lover to spouse.
The expenses incurred for coffee and entertainment would initially be shared
equally between us. Later, based on your performance, I might take up a larger share of the expenses. However I am broadminded enough to be taken care of, on your expense account.
I request you to kindly respond within 30 days of receiving this letter, failing which, this offer would be cancelled without further notice and I
shall be considering someone else.
I would be happy, if you could forward this letter to your sister, if you do not wish to take up this offer.
Wish you all the best!
Thanking you in anticipation,
Yours sincerely,
HR Manager
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