एक पगली न जाने क्यू
मुझको देखकर मुस्कुराती थी
जब मैं उसको बुलाता तो
वो जाने क्यू इतराती थी
जब जब मैं उसको देखता तो
मैं सोचा करता था
लगता था जैसे उसकी
याद मुझे सताती थी
उसको देखना मुझे अच्छा लगता था
और मुझको देखकर वो मुस्कुराती थी
मैं जब उससे कहता
मैं तुमसे प्यार करता हूँ
फिर वो मुझको पागल बताती थी
जब कभी मैं उदास हो जाया करता था
आकर मेरे पास मुझे खूब हंसाती थी
जब मैं उसकी चोटी खीचा करता था
कुछ देर के लिए वो रूठ जाती थी
प्यार की बाते समझी जब वो
मुझको अपना खुदा बताती थी
छोड़कर ना जाना तुम मुझको
साथ जीने मरने की कसमे खाती थी
साथ जीने मरने की कसमे खाती थी ........
मुझको देखकर मुस्कुराती थी
जब मैं उसको बुलाता तो
वो जाने क्यू इतराती थी
जब जब मैं उसको देखता तो
मैं सोचा करता था
लगता था जैसे उसकी
याद मुझे सताती थी
उसको देखना मुझे अच्छा लगता था
और मुझको देखकर वो मुस्कुराती थी
मैं जब उससे कहता
मैं तुमसे प्यार करता हूँ
फिर वो मुझको पागल बताती थी
जब कभी मैं उदास हो जाया करता था
आकर मेरे पास मुझे खूब हंसाती थी
जब मैं उसकी चोटी खीचा करता था
कुछ देर के लिए वो रूठ जाती थी
प्यार की बाते समझी जब वो
मुझको अपना खुदा बताती थी
छोड़कर ना जाना तुम मुझको
साथ जीने मरने की कसमे खाती थी
साथ जीने मरने की कसमे खाती थी ........
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